दोस्तों, भारत की आर्थिक वृद्धि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में थोड़ी धीमी हो गई है। सरकार ने बताया है कि देश की अर्थव्यवस्था इस दौरान 5.4% की दर से बढ़ी है, जबकि पिछली तिमाही (अप्रैल-जून) में यह 6.7% थी। विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि यह 6.5% रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मुख्य जानकारी :
- कमज़ोर माँग: लोगों का सामान खरीदने का जोश पहले जैसा नहीं रहा, जिससे कंपनियों के लिए उत्पादन बढ़ाना मुश्किल हो रहा है।
- महँगाई का असर: चीज़ों के दाम बढ़ने से लोगों की जेब पर असर पड़ रहा है, जिससे खर्चे कम हो रहे हैं।
- वैश्विक मंदी का डर: दुनिया भर में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है।
निवेश का प्रभाव :
- सावधानी बरतें: अभी बाजार में थोड़ी अनिश्चितता है, इसलिए निवेश करते समय सावधानी बरतें।
- मज़बूत कंपनियों पर ध्यान दें: ऐसी कंपनियों में निवेश करें जिनका कारोबार अच्छा चल रहा हो और जो मुश्किल समय में भी टिकी रह सकें।
- लंबी अवधि का नज़रिया रखें: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करें तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
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