रूस सरकार ने 1 दिसंबर, 2024 से कोकिंग कोल पर निर्यात शुल्क हटाने का फैसला किया है। यह फैसला रूस के घरेलू कोयला उत्पादकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए लिया गया है। इससे पहले, रूस ने अक्टूबर 2023 में कोयले पर निर्यात शुल्क लगाया था, लेकिन मई 2024 में थर्मल कोल और एन्थ्रेसाइट पर से यह शुल्क हटा दिया गया था।
मुख्य जानकारी :
- कोयला उत्पादकों को राहत: यह कदम रूसी कोयला कंपनियों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि इससे उनकी लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा।
- वैश्विक बाजार पर प्रभाव: इससे वैश्विक कोयला बाजार में रूसी कोयले की आपूर्ति बढ़ सकती है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।
- भारतीय इस्पात उद्योग के लिए फायदेमंद: भारत, रूस से कोकिंग कोल का एक प्रमुख आयातक है। शुल्क हटने से भारतीय इस्पात कंपनियों को सस्ता कोयला मिल सकेगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत कम होगी।
निवेश का प्रभाव :
- इस्पात कंपनियों के शेयरों में तेजी: भारतीय इस्पात कंपनियों, जैसे टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, और SAIL के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
- कोयला कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव: यह खबर वैश्विक कोयला कंपनियों, जैसे कोल इंडिया, के लिए नकारात्मक हो सकती है, क्योंकि इससे उनके कोयले की मांग कम हो सकती है।
- ध्यान से निवेश करें: निवेशकों को बाजार की स्थिति और कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर रखते हुए सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।