अमेरिका में कच्चे तेल का भाव 52 सेंट (0.75%) गिरकर 68.87 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है। यह गिरावट कई कारणों से आई है, जैसे कि अमेरिका में तेल उत्पादन का बढ़ना, ईरान और इज़राइल के बीच तनाव कम होना, और अमेरिकी चुनावों से पहले बाजार में अनिश्चितता का माहौल।

मुख्य जानकारी :

  • अमेरिका में तेल का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है, जिससे आपूर्ति बढ़ रही है और कीमतों पर दबाव बन रहा है।
  • ईरान और इज़राइल के बीच तनाव कम होने से तेल की कीमतों में और गिरावट आई है, क्योंकि इससे तेल आपूर्ति में किसी तरह की रुकावट की आशंका कम हो गई है।
  • अमेरिकी चुनावों और फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले बाजार में सावधानी बरती जा रही है, जिससे निवेशक तेल जैसे जोखिम भरे निवेशों से दूर रह रहे हैं।

निवेश का प्रभाव :

  • तेल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों पर दबाव बन सकता है।
  • दूसरी ओर, तेल की कीमतें कम होने से परिवहन और अन्य उद्योगों को फायदा हो सकता है, क्योंकि उनकी लागत कम होगी।
  • निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे तेल बाजार पर नजर रखें और अमेरिकी चुनावों और फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का इंतजार करें।
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राजीव कुमार एक स्टॉक ब्रोकर और वित्तीय सलाहकार हैं, जिन्हें बाजार की गहरी समझ है। वह एक सफल फर्म के मालिक हैं जहाँ वह व्यक्तियों और कंपनियों को स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करते हैं। राजीव अपने ग्राहकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत सलाह और रणनीति प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें वित्त उद्योग में एक मजबूत प्रतिष्ठा दिलाई है।

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