कल ब्रेंट क्रूड का भाव 0.54% बढ़कर 72.28 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह बढ़ोतरी ओपेक (तेल उत्पादक देशों के संगठन) के उत्पादन में कटौती की खबरों के बाद आई है। ओपेक ने तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए उत्पादन कम करने का फैसला किया है।
मुख्य जानकारी :
- कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है।
- भारत अपनी ज़रूरत का ज़्यादातर तेल आयात करता है, इसलिए तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ सकती है।
- तेल कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है, लेकिन दूसरी ओर, उच्च परिवहन लागत के कारण कुछ कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- अगर आपको लगता है कि तेल की कीमतें और बढ़ेंगी, तो आप तेल कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
- महंगाई बढ़ने की आशंका से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, इसलिए सावधानी से निवेश करें।
- सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, क्योंकि महंगाई के समय सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है।