रेजिस इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी ने अपने शेयरों का उप-विभाजन करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास कंपनी का 1 शेयर है, तो अब आपके पास 10 शेयर हो जाएंगे। लेकिन, ध्यान रखें कि इससे शेयर की कीमत भी कम हो जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर अभी शेयर की कीमत ₹100 है, तो उप-विभाजन के बाद यह ₹10 हो जाएगी। कुल मिलाकर, आपके निवेश का मूल्य वही रहेगा।

कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि ज़्यादा लोग उनके शेयर खरीद सकें। जब शेयर की कीमत कम होती है, तो छोटे निवेशक भी उसे आसानी से खरीद सकते हैं। इससे शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ सकती है।

मुख्य जानकारी :

  • रेजिस इंडस्ट्रीज एक NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) है।
  • कंपनी ने शेयरों का उप-विभाजन 1:10 के अनुपात में किया है।
  • उप-विभाजन से शेयर की कीमत कम हो जाएगी, लेकिन आपके निवेश का कुल मूल्य वही रहेगा।
  • कंपनी का मानना है कि इससे शेयरों की तरलता बढ़ेगी और ज़्यादा लोग उनके शेयर खरीद पाएंगे।

निवेश का प्रभाव :

शेयरों का उप-विभाजन अपने आप में निवेश का कोई संकेत नहीं है। यह सिर्फ कंपनी के शेयरों को ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने का एक तरीका है। निवेश करने से पहले, कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं को ध्यान से समझना ज़रूरी है।

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राजीव कुमार एक स्टॉक ब्रोकर और वित्तीय सलाहकार हैं, जिन्हें बाजार की गहरी समझ है। वह एक सफल फर्म के मालिक हैं जहाँ वह व्यक्तियों और कंपनियों को स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करते हैं। राजीव अपने ग्राहकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत सलाह और रणनीति प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें वित्त उद्योग में एक मजबूत प्रतिष्ठा दिलाई है।

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