- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के दबाव के बीच विकास में मंदी की चिंता व्यक्त की है।
- RBI ने अपने विकास दर के अनुमान को 6.6% से घटाकर 6.4% कर दिया है।
- RBI ने मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 5.75% से बढ़ाकर 5.8% कर दिया है।
- RBI ने ब्याज दरें स्थिर रखने का फैसला किया है।
- RBI ने कहा कि वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा।
मुख्य अंतर्दृष्टि:
- RBI विकास में मंदी के बारे में चिंतित है, क्योंकि मुद्रास्फीति के दबाव ने निवेश और खपत को प्रभावित किया है।
- RBI ने ब्याज दरें स्थिर रखने का फैसला किया है, क्योंकि वह मुद्रास्फीति के जोखिमों का आकलन कर रहा है।
- RBI ने कहा कि वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा, जिसमें ब्याज दरों में वृद्धि भी शामिल हो सकती है।
निवेश निहितार्थ:
- निवेशकों को मुद्रास्फीति के जोखिमों के बारे में सतर्क रहना चाहिए।
- मुद्रास्फीति उच्च रहने से शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- निवेशकों को ऐसे शेयरों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए जो मुद्रास्फीति से सुरक्षित रहते हैं, जैसे कि सोना, रियल एस्टेट और वस्तुओं के शेयर।
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