पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि बाजार में तेल की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश हो रही है।
एक तरफ, अमेरिका में तेल भंडार में बढ़ोतरी और चीन में कोविड-19 के मामलों में फिर से उछाल आने से मांग कम होने की आशंका है। दूसरी तरफ, रूस से तेल आपूर्ति में कमी और OPEC+ देशों द्वारा उत्पादन में कटौती से कीमतों को सहारा मिल रहा है।
मुख्य जानकारी :
- मांग पक्ष: अमेरिका में तेल भंडार बढ़ने से पता चलता है कि तेल की मांग उम्मीद से कम है। चीन में कोविड के बढ़ते मामलों से भी मांग पर दबाव पड़ सकता है।
- आपूर्ति पक्ष: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस से तेल आपूर्ति में कमी आई है। OPEC+ देशों ने भी उत्पादन में कटौती की है, जिससे आपूर्ति कम हो रही है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयर: तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर तेल कंपनियों (ONGC, Reliance Industries) के शेयरों पर पड़ सकता है।
- पेट्रोकेमिकल सेक्टर: कच्चे तेल की कीमतें पेट्रोकेमिकल उत्पादों की लागत को प्रभावित करती हैं, इसलिए इस सेक्टर पर भी नजर रखें।
- मुद्रास्फीति: तेल की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, जिसका असर ब्याज दरों और शेयर बाजार पर पड़ सकता है।
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