बड़ी बिस्कुट कंपनियां जैसे ब्रिटानिया और पारले दाम बढ़ाने के बजाय बिस्कुट के पैकेट का वज़न कम कर रही हैं। मतलब, आपको पहले जितने पैसे में अब कम बिस्कुट मिलेंगे। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कच्चे माल की कीमतें बढ़ गई हैं, जैसे आटा, चीनी और तेल। कंपनियां मुनाफा बनाए रखने के लिए ऐसा कर रही हैं, लेकिन ग्राहकों को कम बिस्कुट मिल रहा है।
मुख्य जानकारी :
- महंगाई का असर: कच्चे माल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर बिस्कुट उद्योग पर पड़ रहा है।
- ग्राहकों पर बोझ: कंपनियां दाम बढ़ाने की बजाय वज़न कम करके महंगाई का बोझ ग्राहकों पर डाल रही हैं।
- ब्रांडेड बिस्कुट महंगे: ब्रांडेड बिस्कुट बनाने वाली बड़ी कंपनियां ही ऐसा कर रही हैं, छोटी कंपनियों पर अभी इसका असर कम है।
निवेश का प्रभाव :
- FMCG सेक्टर पर नज़र: बढ़ती महंगाई का असर सिर्फ़ बिस्कुट ही नहीं, पूरे FMCG सेक्टर पर दिख सकता है। निवेशकों को HUL, ITC, Nestle जैसी कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखनी चाहिए।
- ग्रामीण मांग में कमी: अगर कंपनियां दाम बढ़ाती हैं, तो ग्रामीण इलाकों में बिस्कुट की मांग कम हो सकती है, जिसका असर इन कंपनियों के मुनाफे पर पड़ेगा।
स्रोत: