यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य फैबियो पनेटा ने चेतावनी दी है कि अगर यूरो क्षेत्र में घरेलू मांग कमजोर बनी रहती है, तो मुद्रास्फीति 2% के लक्ष्य से काफी नीचे गिर सकती है।
पनेटा के अनुसार, यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है और उपभोक्ता खर्च में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही है। अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो कंपनियों को कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे मुद्रास्फीति में और गिरावट आएगी।
मुख्य जानकारी :
- कमजोर मांग: यूरो क्षेत्र में घरेलू मांग में कमी चिंता का विषय है।
- मुद्रास्फीति का खतरा: कमजोर मांग के कारण मुद्रास्फीति ECB के 2% के लक्ष्य से नीचे जा सकती है।
- ECB की नीति: पनेटा के बयान से संकेत मिलता है कि ECB को मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- यूरोपियन शेयर बाजार: कमजोर आर्थिक परिदृश्य यूरोपियन शेयर बाजारों के लिए नकारात्मक हो सकता है।
- बॉन्ड बाजार: कम ब्याज दरों की उम्मीद में बॉन्ड की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- यूरो: यूरो के मुकाबले अन्य मुद्राएं मजबूत हो सकती हैं।