तेल उत्पादक देशों के समूह OPEC+ ने अपनी ऑनलाइन बैठक को 5 दिसंबर तक के लिए टाल दिया है। पहले यह बैठक 1 दिसंबर को होने वाली थी। इस बैठक में तेल उत्पादन बढ़ाने या घटाने पर फैसला लिया जाना है।
मुख्य जानकारी :
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। इससे OPEC+ देशों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि तेल उनके राजस्व का मुख्य स्रोत है।
- मांग में कमी: चीन जैसे बड़े देशों में तेल की मांग कम होने से भी कीमतों पर दबाव है।
- अमेरिका में तेल उत्पादन में वृद्धि: अमेरिका में तेल का उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे वैश्विक बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ रही है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयरों पर असर: OPEC+ के फैसले का असर तेल कंपनियों (ONGC, Reliance Industries) के शेयरों पर देखने को मिल सकता है। अगर उत्पादन में कटौती होती है, तो इन कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- पेट्रोल-डीजल की कीमतें: OPEC+ के फैसले का असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
- मुद्रास्फीति: तेल की कीमतों में बदलाव से मुद्रास्फीति पर भी असर पड़ता है।