अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के मुताबिक, अक्टूबर में OPEC देशों ने मिलकर 210,000 बैरल प्रति दिन (b/d) ज़्यादा कच्चा तेल उत्पादित किया। इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह लीबिया में तेल उत्पादन का फिर से शुरू होना है। लीबिया में राजनीतिक अस्थिरता के कारण तेल उत्पादन में काफी गिरावट आई थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार होने से उत्पादन बढ़ रहा है।
मुख्य जानकारी :
- OPEC के उत्पादन में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब तेल की कीमतें पहले से ही नीचे की ओर जा रही हैं।
- ज़्यादा उत्पादन से तेल की कीमतों पर और दबाव पड़ सकता है, खासकर अगर मांग में कोई खास बढ़ोतरी नहीं होती है।
- भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है, क्योंकि इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस कंपनियों के शेयरों पर इस खबर का नकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि तेल की कीमतें कम होने से उनकी कमाई घट सकती है।
- दूसरी ओर, पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों, जैसे कि एयरलाइंस और परिवहन, को फायदा हो सकता है।
- निवेशकों को तेल बाजार पर नज़र रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश के फैसले लेने चाहिए।