रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि भारत का कर्ज धीरे-धीरे कम हो रहा है और ब्याज दरें विकास दर से कम हैं। यह अच्छी खबर है क्योंकि इससे सरकार को अपना खर्च चलाने में मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022-23 में केंद्र सरकार का कर्ज GDP के 57.2% रहा, जो पिछले साल के 59.9% से कम है। राज्यों का कर्ज भी कम हुआ है।
RBI का मानना है कि ब्याज दरों और विकास दर के बीच का अंतर सरकार के लिए कर्ज चुकाने में मददगार होगा। जब विकास दर ब्याज दर से ज़्यादा होती है, तो अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ती है और सरकार को टैक्स से ज़्यादा पैसा मिलता है। इससे कर्ज चुकाना आसान हो जाता है।
मुख्य जानकारी :
- कर्ज में कमी: सरकार का कर्ज कम होना अच्छी बात है। इससे सरकार के पास विकास के कामों के लिए ज़्यादा पैसा होगा।
- अनुकूल ब्याज दर-विकास दर अंतर: इससे सरकार को कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
- राजकोषीय स्थिरता: रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और सरकार अपने खर्चों को बेहतर तरीके से मैनेज कर रही है।
निवेश का प्रभाव :
यह रिपोर्ट निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। सरकार के कर्ज में कमी और अनुकूल ब्याज दर-विकास दर अंतर से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और वे शेयर बाजार में निवेश करने के लिए उत्साहित होंगे।
स्रोत: