रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की एक यूनिट को शेयरहोल्डिंग में बदलाव करने के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी कंपनी के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि इससे बर्मन परिवार को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
पिछले साल सितंबर में, डाबर इंडिया के मालिक बर्मन परिवार ने रेलिगेयर में अपनी हिस्सेदारी लगभग 25% तक बढ़ा दी थी। इससे उन्हें ओपन ऑफर देना पड़ा, जिसके तहत वे आम शेयरधारकों से और शेयर खरीद सकते हैं।
सेबी की मंजूरी मिलने के बाद, बर्मन परिवार अब रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सकते हैं। यह रेलिगेयर के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है, क्योंकि बर्मन परिवार कंपनी में बड़ा दखल रख सकता है।
मुख्य जानकारी :
- बर्मन परिवार का बढ़ता प्रभाव: सेबी की मंजूरी से बर्मन परिवार रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है।
- कंपनी में बदलाव की संभावना: बर्मन परिवार के आने से रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के काम करने के तरीके में बदलाव हो सकते हैं।
- निवेशकों के लिए नया मौका: कंपनी में बदलाव से शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे निवेशकों को फायदा या नुकसान हो सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- सावधानी से निवेश करें: रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के शेयरों में निवेश करने से पहले कंपनी के भविष्य की योजनाओं और बाजार के हालात को ध्यान से समझें।
- खबरों पर नज़र रखें: कंपनी और बाजार से जुड़ी ताज़ा खबरों पर नज़र रखें ताकि आप सही समय पर सही फैसला ले सकें।
- विशेषज्ञों की सलाह लें: अगर आपको निवेश के बारे में कोई शंका हो, तो किसी वित्तीय सलाहकार से बात करें।
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