ET Now की एक रिपोर्ट के अनुसार, SBI Life Insurance ने स्पष्ट किया है कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अभी तक बैंक एश्योरेंस बिज़नेस में किसी भी तरह की सीमा तय करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।
कंपनी ने कहा है कि अगर IRDAI ऐसा कोई भी कदम उठाता है, तो पहले जनता से राय ली जाएगी और उसके बाद ही कोई आधिकारिक घोषणा प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिए की जाएगी।
यह खबर उन अटकलों के बाद आई है जिनमें कहा जा रहा था कि IRDAI बैंकों के ज़रिए बेचे जाने वाले इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर कुछ सीमाएं लगा सकता है।
मुख्य जानकारी :
- बैंक एश्योरेंस क्या है? यह बीमा कंपनियों और बैंकों के बीच एक साझेदारी होती है जिसमें बैंक अपने ग्राहकों को बीमा पॉलिसी बेचते हैं।
- कैपिंग का मतलब? अगर IRDAI कैपिंग लागू करता है, तो इसका मतलब होगा कि एक बैंक कितनी बीमा पॉलिसी बेच सकता है, इसकी एक सीमा होगी।
- इस खबर का महत्व: यह खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो बीमा पॉलिसी खरीदने की सोच रहे हैं या जिन्होंने बैंक के ज़रिए पॉलिसी खरीदी है।
निवेश का प्रभाव :
- SBI Life के शेयरधारकों के लिए: यह खबर SBI Life के शेयरधारकों के लिए थोड़ी राहत की बात हो सकती है क्योंकि कैपिंग से कंपनी के बिज़नेस पर असर पड़ सकता था।
- बीमा सेक्टर के लिए: अगर भविष्य में कैपिंग लागू होती है, तो इससे पूरे बीमा सेक्टर, खासकर उन कंपनियों पर असर पड़ सकता है जो ज़्यादातर बैंक एश्योरेंस पर निर्भर हैं।
- निवेशकों के लिए: निवेशकों को IRDAI के आगे के निर्णयों पर नज़र रखनी चाहिए और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लेने चाहिए।
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