भारतीय शेयर बाजार के नियामक, SEBI (सेबी) ने एक बड़ा फैसला लिया है जिससे NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एक-दूसरे के लिए वैकल्पिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बन जाएंगे। इसका मतलब है कि अगर NSE में किसी वजह से ट्रेडिंग रुक जाती है, तो निवेशक BSE पर शेयर खरीद और बेच सकेंगे, और इसके उलट भी।
यह फैसला शेयर बाजार को और मजबूत बनाने के लिए लिया गया है। इससे ट्रेडिंग में कोई रुकावट नहीं आएगी और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। SEBI ने यह भी कहा है कि दोनों एक्सचेंजों को अपने सिस्टम को बेहतर बनाना होगा ताकि वे एक-दूसरे के साथ आसानी से काम कर सकें।
मुख्य जानकारी :
- शेयर बाजार में निरंतरता: यह फैसला यह सुनिश्चित करता है कि अगर एक एक्सचेंज में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो दूसरे एक्सचेंज पर ट्रेडिंग जारी रह सकेगी। इससे बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: दोनों एक्सचेंजों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिससे निवेशकों को बेहतर सेवाएं और कम शुल्क मिल सकता है।
- निवेशकों का भरोसा: इस फैसले से निवेशकों का शेयर बाजार में भरोसा बढ़ेगा क्योंकि उन्हें पता होगा कि उनका पैसा सुरक्षित है और ट्रेडिंग में कोई रुकावट नहीं आएगी।
निवेश का प्रभाव :
यह फैसला निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है। इससे बाजार में और पारदर्शिता आएगी और निवेश करना और भी सुरक्षित होगा। निवेशकों को दोनों एक्सचेंजों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए और यह देखना चाहिए कि उनके लिए कौन सा एक्सचेंज बेहतर है।
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