CNBC TV18 की खबर के अनुसार, वेदांता जैसी खनन कंपनियों को पुराने समय से खनन पर भी टैक्स देना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को अप्रैल 2005 से खनन पर रॉयल्टी और टैक्स वसूलने की अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि कंपनियों को पिछले समय का भी टैक्स चुकाना पड़ सकता है, जिससे उनकी कमाई कम हो सकती है।
कर्नाटक सरकार ने तो पहले ही प्रस्ताव रख दिया है कि प्रत्येक टन लौह अयस्क पर 100 रुपये का टैक्स लगेगा। यह टैक्स 1 अप्रैल 2005 से लागू होगा।
मुख्य जानकारी :
- यह फैसला खनन कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है। वेदांता, NMDC और JSW Steel जैसी कंपनियों पर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा।
- कंपनियों को अब पुराने समय का टैक्स चुकाना होगा, जिससे उनकी लागत बढ़ेगी और मुनाफा कम होगा।
- शेयर बाजार में इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- सरकार को टैक्स के रूप में ज़्यादा पैसा मिलेगा, जिसका इस्तेमाल विकास कार्यों में किया जा सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- अगर आप वेदांता या दूसरी खनन कंपनियों में निवेश करते हैं, तो सावधान रहें।
- इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है, इसलिए निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच लें।
- लंबे समय के निवेशक बाजार की स्थिति पर नज़र रखें और घबराकर अपने शेयर न बेचें।
स्रोत: