रूस ने अपनी तेल रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। रॉयटर्स के अनुसार, रूस ने अपने पुराने प्लान की तुलना में 34% ज़्यादा तेल रिफाइन करने का लक्ष्य रखा है। इसका मतलब है कि रूस अब 2.42 मिलियन टन तेल रिफाइन कर सकेगा। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे उसे तेल बेचने में दिक्कत हो रही है।

मुख्य जानकारी :

  • रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है।
  • पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।
  • इन प्रतिबंधों के कारण रूस को तेल बेचने में परेशानी हो रही है।
  • रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाकर रूस अपने तेल को दूसरे उत्पादों में बदलकर बेच सकेगा।

निवेश का प्रभाव :

  • रूस के इस फैसले से वैश्विक तेल बाजार पर असर पड़ सकता है।
  • अगर रूस ज़्यादा तेल उत्पाद बनाता है, तो तेल की कीमतें कम हो सकती हैं।
  • भारत जैसे देशों को सस्ता तेल मिल सकता है।
  • निवेशकों को तेल कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखनी चाहिए।
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राजीव कुमार एक स्टॉक ब्रोकर और वित्तीय सलाहकार हैं, जिन्हें बाजार की गहरी समझ है। वह एक सफल फर्म के मालिक हैं जहाँ वह व्यक्तियों और कंपनियों को स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करते हैं। राजीव अपने ग्राहकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत सलाह और रणनीति प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें वित्त उद्योग में एक मजबूत प्रतिष्ठा दिलाई है।

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